SB News Digital Desk,नई दिल्ली: छू लिया महिला का यह पार्ट तो रोमांस का मजा हो जाएगा दुगना, आपकी दीवानी हो जायगी पार्टनर, अगर आप अपनि महिला साथी के साथ रोमांस कर रहे है और रोमांस में चार चाँद लगाना चाहते है तो हम आपको आज कुछ ऐसी ट्रिक्स बताएँगे जिसकी मदद से आप अपनी महिला साथी को बहुत ही आसानी से संतुष्ट कर पायेंगे.
सुना है कि ‘जी-स्पॉट’ के जरिए ज्यादा उत्तेजना आ सकती है। क्या यह सच है? और क्या G-स्पॉट हर महिला के लिए अलग है? सुना है कि जी-स्पॉट को डिजिटल रूप से पेनिट्रेट करना किसी महिला को ऑर्गेज्म (सं’भोग सुख) तक पहुंचाने के लिए काफी है। ऐसी न जाने कितनी गलतफहमियां और धारणाएं हैं जो लोगों के दिलो-दिमाग में बसी हैं। इसको लेकर ‘एक्सपर्ट की सलाह’ के जरिए डॉक्टर्स ने अपनी-अपनी राय जाहिर की। जानिए महिलाओं के शरीर में होने वाली इस जगह के बारे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं…
जी-स्पॉट को लेकर आज तक विषय विशेषज्ञों के बीच बड़े मतभेद बने हुए हैं। कई डॉक्टर्स का मानना है कि महिलाओं के शरीर में ‘जी-स्पॉट’ कोई जगह नहीं होती। वहीं, कुछ का कहना है कि महिलाओं में क्लाइटोरिस से ज्यादा ‘जी-स्पॉट’ से’क्स के मजे को बढ़ा सकता है। हालांकि इसे खोजना एक बड़ी चुनौती होती है।
सरल शब्दों में समझें तो पुरुषों में जो प्रॉस्टेट (पौरुष ग्रंथि) होता है, वैसे ही महिलाओं में G-स्पॉट होता है। दरअसल, जर्मन के गायनकोलॉजिस्ट अर्न्स्ट ग्रेफेनबर्ग ने औरतों के शरीर की इस खास जगह (Spot) के बारे में बताया था इसलिए ग्रेफेनबर्ग के नाम के पहले अक्षर के आधार पर ही इसे ‘जी’ स्पॉट नाम दे दिया गया।
देश के एक और सीनियर सेक्सपर्ट डॉक्टर प्रकाश कोठारी कहते हैं कि ‘जी-स्पॉट’ या ग्राफेनबर्ग-स्पॉट महिलाओं के प्रा’इवेट पार्ट में एक ऐसी जगह होती है, जहां कहते हैं कि सेंसिटिविटी ज्यादा होती है। यह स्पॉट प्रा’इवेट पार्ट की दीवार के ऊपरी हिस्से में करीब 1.5 या 2 इंच की गहराई पर होता है। वहां आगे-पीछे या दाएं-बाएं अंगुली घुमाने पर ‘जी-स्पॉट’ का पता चल जाता है, क्योंकि उस जगह उंगली के स्पर्श से कुछ स्त्रियों को ज्यादा ही उत्तेजना का अहसास होता है।
दरअसल, जी-स्पॉट को अक्सर आइडेन्टफाइड नहीं किया जाता है। इसे अक्सर इनर लेबिया (मादा जननांग की मुड़ी हुई त्वचा) में मटर के आकार के दाने के रूप में देखा जाता है और यह वास्तव में क्लाइटोरिस का एक हिस्सा है। यह हर महिला में भिन्न होता है और इसका एक जैसा होना भूसे के ढेर में राई का दाना खोजने जैसा है। जैसे-जैसे इच्छा का स्तर ऊपर बढ़ता जाता है, क्लिटोरल उत्तेजना एक महिला को अधिकतम संतुष्टि और सं’भोग सुख तक पहुंचने में मदद कर सकती है।
औरतों को से’क्स के दौरान काफी उत्तेजित किया जा सकता है, क्योंकि क्लिटोरिस में आठ हजार तंत्रिकाएं होती हैं जो इसे शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा बनाती हैं। इस काजू के जैसे टुकड़े को स्पर्श करने से ही महिला को चरमसुख तक पहुंचाया जा सकता है।